Sunday, June 6, 2021

आखिर क्यों उत्तराखंड की इस खूबसूरत जगह को भारत का स्विट्ज़रलैंड कहा जाता है

आखिर क्यों  उत्तराखंड की इस खबसूरत जगह को भारत का  स्विट्ज़रलैंड जाता है। 

दोस्तों आज हम लोग एक ऐसी जगह के बारे में बात करने कजा रहे हैं जहाँ की प्राकृतिक खूबसूरती लोगों के सपनो में आया करती है। एक ऐसी जगह जो किसी भी इंसान के मन को मोह लेती है।  एक ऐसी अनछुई अनसुनी  धरती जहाँ पर प्रकृति की सुंदरता अपने रंग बिखेर रही है। 

जी हाँ "चोपता"    (CHOPTA)

Chopta 


दोस्तों  आज हम लोग बात करेंगे भारत के मिनी स्विट्ज़रलैंड चोपता की , चोपता उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में चन्द्रशिला पर्वत की गोद में बसा हुआ एक ऐसा स्थान  है कि जिसकी सुंदरता किसी भी मेहमान का दिल जीत लेती है। 

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से मात्र 220 KM की दूरी पर है।  और रुद्रप्रयाग से सिर्फ 40 KM की दूरी पर यह स्थान पर्यटकों   के लिए किसी जन्नत से कम  नहीं। 

Picture Credit: SB Shubham
























दोस्तों  अगर आपने कभी जन्नत  या स्वर्ग की कल्पना की हो और उस जगह को अगर  आप हकीकत में देखना चाहते हों तो यकीन मानिये एक बार जरूर इस जगह पर जाए ये जगह अपने आप में एक स्वर्ग है। वैसे तो खूबसूरती देवभूमि उत्तराखंड के कण-कण में बसी हुयी है लेकिन यहाँ पर प्रकृति का अलग ही रूप दिखेगा। रुद्रप्रयाग से जब हम मन्दाकिनी नदी के किनारे से सड़क का सफर का सफर तय करते हुए उखीमठ पहुंचते हैं तो वहां से प्रकृति अपनी छटा बिखेरने लगती हैं घने जंगलों के बीच एक घूमाउदार सड़क चारों तरफ हरियाली और मीठी की ख़ूशबू और हिमालय की ऊँची -ऊँची बर्फ  ढकी हुई चोटियां अकल्पनीय सा लगता है मगर यह सच है। जैसे जैसे आप इस मार्ग पर आगे बढ़ते जायेंगे आप अपने सफर की थकान को यकीनन भूल जायेंगे थोड़ा आगे पहुंच कर आती है  आपकी मंजिल यानी चोपता यहाँ पर आपकी गाडी को छोड़ पैदल चलना होगा।  अब आप देवों  के देव महादेव तुंगनाथ मंदिर मार्ग पर आगे बढ़ेंगे (दोस्तों तुंगनाथ के बारे में आपको अगली पोस्ट में जानकारी दी जाएगी )जैसे जैसे आप पैदल आगे बढ़ेंगे यहाँ चल रही ठंडी और ताज़ी हवाएं आपके अंदर  एक नया जोश भर देंगी। मिटटी  की खुसबू और बाँझ बुरांस के पेड़ों की महक मन में एक नया जोश भरने लगती है और मन में आनंद की अनुभूति होने लगती है। इस ३ KM के ट्रैक पर आपको हर एक कदम पर प्रकृति का एक  एहसास होगा।  हरे भरे घास के मैदान (बुग्याल ) आपको अपनी ओर आकर्षित करेंगे इन बड़े बड़े  बुग्यालों में बैठकर एक सांस भरिये यकीन मानिये ये आपकी जिंदगी में कुछ पल के लिए तनाव को मुक्त कर देगी।  इन घास के बुग्यालों के सामने हिमालय के बर्फीले शिखर और हसींन वादियां किसी जन्नत से कम नहीं। 

Chopta Mountains 

Chopta













यह ३  कम का ट्रैक तुंगनाथ मंदिर से होते हुए चंद्रशिला मंदिर की  की चोटी  जाकर समाप्त होता है।
पर्यटकों में यह ट्रैक  बहुत ही रोमांचक और लोकप्रिय है।  तुंगनाथ मंदिर के दर्शन  के बाद जब हम चंद्रशिला की चोटी पर पहुंचते हैं तो शब्दों में उस एहसास को बयाँ करना बहुत ही मुश्किल है। 


वह पहुंचते ही आपको चारो ओर से बर्फ से ढकी हुयी चोटियां दिखेंगी और आप भी  उतनी ही ऊंचाई पर होंगे यकीन मानिये ये एहसास बहुत ही अकल्पनीय और अविश्वसनीय  है। अगर मौसम साथ दे तो बहुत बार इस चोटी से नीचे छाया हुआ कोहरा आपको बादलों से ऊपर होने का एहसास दिलाता है। फोटोग्राफी के लिए यह जगह सच में बहुत ही सुन्दर है प्रकृति के इस नज़ारे  को देख यहाँ प्रकृति की गोद में समां जाने का मन हर किसी का होता है।  






Chandrasila 



View from Chandrasila Peak




सचमुच में यहाँ का अकल्पनीय प्राकृतिक सौन्दर्य शुद्ध, साफ़ व हरित  वातावरण और साथ में  आस्था और भक्ति की धुन में मन यहीं खो जाता है। 

एक बार  आप भी यहाँ जरूर आइये।




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