Thursday, May 27, 2021

DHARI DEVI TEMPLE MYSTERY (जानिये इस मंदिर की कुछ अनसुनी कहानी और इस मंदिर में मांगी मन्नत कैसे पूरी होती है)


DHARI DEVI -(धारी  देवी ) प्राचीन सिद्धपीठ 

तो आइये दोस्तों आज  हम  शुरू करते हैं एक ऐसे मंदिर के बारे में जहा की मान्यताऐं बहुत ही अनोखी हैं और साथ ही इस  देवी को अलोकिक शक्तियों की देवी कहा जाता है।  यहाँ मांगी गयी मन्नत जरूर पूरी होती है। 
                               जी हाँ दोस्तों आज हम जिस मंदिर की बात कर रहें हैं माँ  धारी देवी यह सिद्धपीठ  बहुत ही प्राचीन समय का है।  बात करे इस मंदिर के बारे में तो यह मंदिर उत्तराखंड के बद्रीनाथ केदारनाथ मार्ग में पड़ाव  श्रीनगर से मात्र 18 KM  की दूरी पर है।  
यदि आपको कभी देवी के दर्शन का मौका नही मिला तो अब प्रयास करें।


माँ धारी  देवी की कहानी मान्यताओं के अनुसार यहाँ  पर  देवी की मूर्ति का सिर  वाला  भाग  कालीमठ मंदिर से बाढ के पानी में  बह कर  नदी किनारे पानी के बहाव के साथ इस जगह ( धारी ) पर आया था।  और  वहाँ के लोगो ने माँ के इस मूर्ति को ऊँची पहाड़ की चोटी पर रख दिया। बाद में वहां  पर माता का मंदिर बनाया गया। 
दोस्तों यह मंदिर माता काली का एक रूप है जिसे वह पर धारी देवी के नाम से जाना जाता है।  माना जाता है की यहाँ पर देवी की मूर्ति अपने रूप बदली करती है।
 

सुबह के समय की मूर्ति अपने बाल रूप (कन्या ) रूप में दिखाई पड़ती है।



                               तो वही दिन के समय यह युवती रूप में 




तथा शाम ढलते- ढलते यह माँ की प्रतिमा वृद्धा रूप में परिवर्तित हो जाती है और यह चमत्कार हर दिन देखने को मिलता है। 

                          कहा जाता है यहाँ पर प्राचीन काल में माता के आशीर्वाद से बहुत लोगो ने सिद्धि प्राप्त की। 
मान्यता के अनुसार यह देवी बद्रीनाथ केदारनाथ धाम की रक्षा करती है।  
अलकनंदा नदी पर बने  विधुत  बाँध की वजह से इस मंदिर को अपने यथा स्थान से दूसरी जगह पर शिफ्ट करना था।  स्थानीय लोगो और पुजारियों के बहुत मना  करने के बाद भी प्रशासन ने इस मंदिर को अपने यथा स्थान से दूसरी  जगह पर शिफ्ट कर दिया। 


यह  भी माना जाता उत्तराखंड  की जून 2013 उत्तराखंड  की प्राकृतिक आपदा आने का कारण माना जाता है कि माता का क्रोध है।  इस मूर्ति को अपने स्थान से हटाया गया था। आज यह मंदिर अलकनंदा नदी के ठीक बीचो बीच  बना हुआ है लेकिन आज भी इस मंदिर में वही आस्था वही  शक्तियां हैं।  यह मंदिर अपने पुराने ढाँचे के साथ अलकनन्दा नदी के ठीक बीच में पिलर्स पर वहीँ स्थापित कर दिया गया है ।
भक्तों की भीड़ तो हर समय इस मंदिर पर दर्शन के लिए लगी ही होती है लेकिन नवरात्र के समय यहाँ पर श्रद्धालु   बड़ी मात्रा में  दर्शन  पाने के लिए पहुंचते हैं। 


इस मंदिर में पुजारी उसी धारी गांव के पांडेय लोग हैं जो बड़ी निष्ठा और आस्था से माँ की पूजा अर्चना करते हैं।
दोस्तों यहाँ पर  जो भी भक्त सच्चे मन से माँ से मन्नत मांगता है माता रानी उसकी मन्नत जरूर पूरी करती है। 
आप भी माता के  दर्शन  के लिए जरूर आयें। 


                                                     (pictures of Dhari Devi)



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